मुंबई: फिल्म जगत के प्रतिष्ठित सम्मेलन ‘फिक्की फ्रेम्स’ में बोलते हुए, प्रसिद्ध अभिनेता आयुष्मान खुराना ने भारतीय सिनेमा की वैश्विक पहचान और उसकी उपलब्धियों को रेखांकित किया। उन्होंने कहा, “भारतीय सिनेमा अब विश्वभर में देखा जा रहा है, यह ऑस्कर में बड़ा नाम कमा रहा है, बड़े अंतरराष्ट्रीय फिल्म समारोहों में भी सराहना प्राप्त कर रहा है… यह गर्व का क्षण है। यह कलाकार और भारतीय होने का सर्वश्रेष्ठ युग है।”
खुराना के अनुसार, भारतीय सिनेमा की यह सफलता न केवल तकनीकी उन्नति और नवीनतम फिल्म निर्माण तकनीकों के प्रयोग का परिणाम है, बल्कि यह भारतीय कहानियों की गहराई और विविधता को भी दर्शाता है। उन्होंने आगे कहा कि भारतीय फिल्में अब अंतरराष्ट्रीय दर्शकों के लिए भी अधिक सुलभ हो गई हैं और विश्व सिनेमा में भारतीय फिल्मों की उपस्थिति बढ़ रही है।
इस अवसर पर खुराना ने भारतीय सिनेमा के उन सभी कलाकारों और तकनीशियनों को भी सलाम किया, जिनकी मेहनत और समर्पण ने इसे वैश्विक मंच पर पहुंचाया है। उन्होंने युवा फिल्म निर्माताओं और कलाकारों को भी प्रेरित किया कि वे अपनी अनूठी कहानियों के साथ आगे आएं और भारतीय सिनेमा को नई ऊंचाइयों तक ले जाएं।
फिक्की फ्रेम्स का यह सम्मेलन भारतीय सिनेमा के विकास और उसके भविष्य की दिशा पर चर्चा करने का एक महत्वपूर्ण मंच है। खुराना का यह उद्बोधन न केवल भारतीय सिनेमा के लिए एक उत्साहवर्धक संदेश है, बल्कि यह भारतीय कलाकारों के लिए भी एक चुनौती है कि वे अपनी कला के माध्यम से विश्व सिनेमा में भारत का नाम और ऊंचा करें।
आयुष्मान खुराना की यह टिप्पणी भारतीय सिनेमा के लिए एक नई दिशा और प्रेरणा का स्रोत है, और यह दिखाती है कि भारतीय सिनेमा का स्वर्णिम युग अभी भी जारी है।